“महत्व इसका नहीं है कि हम कब तक जीते हैं; महत्त्व की बात तो यह है कि हम, कैसे जीते हैं।”
दोषभरी बात यदि यथार्थ है, तब भी नहीं करना चाहिए, जैसे अंधे को अंधा कहने पर तकरार हो जाती है। – डिजरायली
तीन विश्वासी मित्र होते हैं; वृद्धा पत्नी, बुढा कुत्ता और नकद धन। – फ्रैंकलिन
जो मित्रता में से आदर निकाल देता है, वह मित्रता का सबसे बड़ा आभूषण उतार देता है। – सिसरो
पैसेवाले पैसे की कदर क्या जानें ? पैसे की कदर तब होती है, जब हाथ खाली हो जाता है। तब आदमी एक-एक कौड़ी दाँत से पकड़ता है। – प्रेमचन्द
कर्तव्य ही ऐसा आदर्श है, जो कभी धोखा नहीं दे सकता। – प्रेमचन्द्र
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